प्रधानमंत्री पूरे ₹35000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित करेंगे, मिलेगा लाभ! पीएम आशा स्कीम

PM Aasha Yojana : भारत देश की बात आए तो यह कृषि प्रधान देश है, भारत देश के मैक्सिमम आबादी केवल खेती पर ही निर्भर है, हमारे देश के किसान ही नींव है, किसान ना रहे तो गेहूं और चावल भी नहीं मिल पाएगा, इसीलिए सरकार के द्वारा समय-समय पर किसान के लिए बहुत ही बड़ी-बड़ी घोषणा किया जाता है, जिसके तहत किसान का आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.

यदि देश के रहने वाले किसान है, तो आप लोगों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा PM Aasha Yojana 2025 को शुरू कर दिया गया है, जिसके तहय सरकार के द्वारा पूरे 35000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित किया जाएगा, जी हां बिल्कुल आप लोग सही बात सुन पा रहे हैं, तो इस योजना से संबंधित हर जानकारी के लिए धैर्यपूर्वक पोस्ट को अंत तक पढ़े.

पीएम आशा स्कीम का शुरुआत हुआ 2018 में

भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा PM Aasha Yojana का शुरुआत साल 2018 में किया गया था, इस योजना को प्रधानमंत्री अन्नदाता आई संरक्षण अभियान के नाम से भी जाने जाते हैं, PM Aasha Yojana के अंतर्गत तिलहन तथा दाल की फसलों को मिनिमम सपोर्ट प्राइस की सुविधा दी जाती है,

यह वह दर है जिससे नीचे आप फसल नहीं खरीद पाएंगे, जो की फसल का MSP निर्धारित करने के कारण बहुत ही किसान को मदद मिलता है, जिसके कारण इनको आर्थिक तंगी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा.

प्रधानमंत्री पूरे ₹35000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित करेंगे

PM Aasha Yojana को आगे तक बढ़ाने हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा पूरे 35000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी, किसानों के हित की रक्षा करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, PM Aasha Yojana के अंतर्गत जरुरत वस्तु की कीमत को कम करना लक्ष्य रखा गया है, जिसके कारण. किसान को अधिक से अधिक फायदा मिले.

केवल एक विकल्प तिलहन की फसल में से चुनना होगा

PM Aasha Yojana के अंतर्गत राज्य केंद्र शासित प्रदेश को PSS & PPPS में से किसी एक का चयन करना होता है, जो कि यह दोनों को तिलहन की फसल में ही चुने के लिए दिए जाते हैं, क्योंकि दाल तथा कोबरा की फसल में केवल और केवल पीएसएस ही लागू होते हैं, साथ ही साथ मैक्सिमम 1 साल में केवल एक PSS या PPPS लागू हो सकते हैं.

प्रधानमंत्री जी का यह योजना केवल और केवल दलहन एवं तिलहन के लिए ही बनाए गए हैं साथ ही बगवानी फसल के लिए ही यह योजना है, भारत देश में उत्पादन जितना होगा उसका 25% सरकार इस स्कीम के तहत खरीदने वाली है.

मिनिमम सपोर्ट प्राइस की घोषणा 22 फसल के लिए फसल किए जाते हैं

जानकारी के लिए बता दें की प्राइस सपोर्ट स्कीम का ही संक्षिप्त PSS है, जब किसी भी फसल का मूल्य मिनिमम सपोर्ट प्राइस कम हो जाए तो इसको लागू किए जाते हैं, एवं ऐसी स्थिति में नेफेड द्वारा पीएसएस के अंतर्गत फसल को खरीदे जाते हैं,

जब तक के SSP से ज्यादा फसल की कीमत नहीं हो जाती है, तब तक खरीदारी जारी ही रहता है, सरकार के द्वारा मिनिमम सपोर्ट प्राइस की घोषणा 22 फसल के लिए हर साल किए जाते हैं, इसमें 14 खरीद छोड़ अभी तथा दो व्यापारी फसल को शामिल किए गए हैं.

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