आज के दौर में अपनी कीमती चीजों को सुरक्षित रखने के लिए लोग बैंक लॉकर का सहारा लेते हैं। यह एक ऐसा विकल्प है, जो हमें मानसिक शांति देता है कि हमारा सामान सुरक्षित हाथों में है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि अगर बैंक लॉकर से आपका सामान चोरी हो जाए तो क्या होगा? ऐसी स्थिति में आपकी मेहनत से कमाया हुआ कीमती सामान गायब हो जाए, तो बैंक कितनी जिम्मेदारी लेगा? आइए, इस ब्लॉग में हम आपको बैंक लॉकर के नियमों के बारे में विस्तार से बताते हैं, ताकि आप हर स्थिति के लिए तैयार रहें।
चोरी होने पर कितना मिलेगा मुआवजा?
आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने 18 अगस्त 2019 को एक नियम लागू किया था, जो लॉकर धारकों के लिए बहुत जरूरी है। इसके तहत अगर आपके बैंक लॉकर से सामान चोरी हो जाता है, तो बैंक आपको लॉकर के किराए का 100 गुना मुआवजा देगा। मान लीजिए, आप हर साल 3,000 रुपये किराया देते हैं, तो चोरी की स्थिति में आपको 3 लाख रुपये तक का भुगतान मिल सकता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आपके लॉकर में इससे ज्यादा कीमत का सामान था, तो बैंक उसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा। यह सुनकर शायद आपको थोड़ा झटका लगे, लेकिन यही नियम है।
सामान बरामद होने पर क्या करना होगा?
अगर चोरी हुआ सामान पुलिस द्वारा बरामद कर लिया जाता है, तो क्या आपको वह आसानी से मिल जाएगा? जवाब है- नहीं। लॉकर में रखे सामान की जानकारी सिर्फ आपको होती है, बैंक को नहीं। इसलिए, सामान बरामद होने पर आपको यह साबित करना होगा कि वह आपका है। इसके लिए आपको सामान की खरीद रसीद, फोटो या कोई दूसरा सबूत बैंक को देना होगा। सबूत सही पाए जाने पर ही आपको आपका सामान वापस मिलेगा। यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल लग सकती है, लेकिन यह आपकी सुरक्षा के लिए ही बनाई गई है।
लॉकर से जुड़े कुछ जरूरी तथ्य
- अगर आपकी लॉकर की चाबी खो जाती है, तो तुरंत बैंक को सूचित करें। देरी करने से परेशानी बढ़ सकती है।
- किसी जरूरी स्थिति में अगर बैंक को लॉकर तोड़ना पड़े, तो उसका खर्च आपको ही उठाना होगा। इस दौरान लॉकर धारक और बैंक अधिकारी दोनों का मौजूद रहना जरूरी है।
कब तोड़ा जा सकता है लॉकर?
बैंक लॉकर के नियम सख्त हैं। अगर आप लगातार तीन साल तक किराया नहीं देते, तो बैंक लॉकर तोड़कर अपनी बकाया राशि वसूल सकता है। वहीं, अगर आप सात साल तक लॉकर का इस्तेमाल नहीं करते या उसकी जांच के लिए नहीं आते, तो भी बैंक लॉकर तोड़ने का अधिकार रखता है। इसके अलावा, अगर आपके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है और जांच एजेंसी को लॉकर में कुछ संदिग्ध होने का शक है, तो पुलिस की मौजूदगी में लॉकर तोड़ा जा सकता है।
चोरी के बाद मुआवजा कैसे मिलता है?
अगर बैंक में चोरी होती है और आपका लॉकर प्रभावित होता है, तो बैंक पहले आपसे संपर्क करेगा। इसके बाद आपको एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें लॉकर में रखे सामान की पूरी जानकारी देनी होगी। जांच के बाद आरबीआई के दिशानिर्देशों के आधार पर बैंक आपको किराए का 100 गुना मुआवजा देगा। उदाहरण के लिए, अगर आपका सालाना किराया 5,000 रुपये है, तो आपको 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है।
चोरी का सामान बरामद होने पर क्लेम कैसे करें?
सामान बरामद होने के बाद भी आपको उसे वापस पाने के लिए थोड़ी मेहनत करनी होगी। बैंक को यह साबित करना होगा कि सामान आपका है। इसके लिए आपको जेवर की रसीद, उसकी तस्वीर या कोई अन्य सबूत देना होगा। सबूत मिलने के बाद ही बैंक आपको सामान सौंपेगा। यह प्रक्रिया आपको परेशान कर सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सामान सही हाथों में जाए।
प्राकृतिक आपदा में क्या होगा?
अगर बैंक में आग लगने या किसी दूसरी वजह से आपका सामान नष्ट हो जाता है, तो बैंक इसके लिए भी जिम्मेदार होगा। ऐसी स्थिति में भी आपको किराए का 100 गुना मुआवजा मिलेगा। हालांकि, अगर यह नुकसान प्राकृतिक आपदा (जैसे भूकंप, बाढ़) की वजह से हुआ, तो बैंक इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा।