किसानों के लिए खुशखबरी! बजट में हुआ बड़ा प्रावधान, जानिए पूरी योजना

किसानों के लिए खुशखबरी! मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों के लिए इस बार का बजट खुशियाँ लेकर आया है। बजट में चंबल और छोटी कालीसिंध नदी के संगम पर दो नई सिंचाई परियोजनाओं (Irrigation Projects Of MP) की घोषणा की गई है। ये परियोजनाएं न केवल किसानों की आय बढ़ाएंगी, बल्कि पेयजल की समस्या को भी दूर करेंगी। आइए, विस्तार से जानते हैं कि कैसे ये परियोजनाएं किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगी।

मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों को मिलेगा फायदा

इन सिंचाई परियोजनाओं से मध्य प्रदेश और राजस्थान के लगभग 15,000 हेक्टेयर खेतों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। इससे न केवल किसानों की फसलों की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि पेयजल की समस्या भी हल होगी। जल संसाधन विभाग ने इन परियोजनाओं के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

चंबल और छोटी कालीसिंध नदी पर बनेंगी लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं

जल संसाधन विभाग के एसई डीएन शर्मा के अनुसार, चंबल और छोटी कालीसिंध नदी के संगम पर दो लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं बनाई जाएंगी। इन परियोजनाओं के तहत प्रेशर आधारित सिंचाई प्रणाली विकसित की जाएगी। इससे चंबल, छोटी कालीसिंध और क्षिप्रा नदी के बीच के बड़े सिंचाई क्षेत्र को पानी मिल सकेगा।

इस परियोजना की लागत लगभग 1 करोड़ रुपए होगी। DPR तैयार होने के बाद ही इस पर काम शुरू होगा। इसके बाद यहां स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे खेतों की सिंचाई आसानी से की जा सकेगी।

क्यों जरूरी है यह परियोजना?

मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर चंबल नदी बहती है, जबकि उन्हैल के पास क्षिप्रा नदी है। इन नदियों के होने के बावजूद, इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता था। इसी समस्या को दूर करने के लिए यह परियोजना शुरू की जा रही है।

इन परियोजनाओं के तहत चंबल और छोटी कालीसिंध नदी पर एक-एक लिफ्ट बनाई जाएगी। इससे पूरे क्षेत्र में हरियाली आएगी और किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात मिलेगी।

राजस्थान के झालावाड़ और मध्य प्रदेश के उन्हैल क्षेत्र को मिलेगा लाभ

इन परियोजनाओं का सबसे बड़ा फायदा राजस्थान के झालावाड़, चौमहला और मध्य प्रदेश के उन्हैल क्षेत्र के किसानों को मिलेगा। यहां के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता था, जिससे उनकी फसलें सूख जाती थीं। अब इन परियोजनाओं के बाद यहां के खेत हरे-भरे रहेंगे और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

जल संरक्षण पर भी होगा जोर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “पानी ही जीवन है”। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जल गंगा जल संवर्धन अभियान शुरू किया है। यह अभियान 30 मार्च से 30 जून 2025 तक चलेगा। इसमें वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

किसानों के लिए नई उम्मीद

इन सिंचाई परियोजनाओं के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात मिलेगी। उनकी फसलों की पैदावार बढ़ेगी और आय में भी वृद्धि होगी। यह परियोजना न केवल किसानों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा कदम है।

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